THE DEFINITIVE GUIDE TO SIDH KUNJIKA

The Definitive Guide to sidh kunjika

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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

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किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

Salutations for the Goddess who's got the shape of root chants Who from the chant “Intention” has the shape of your creator Who from the chant “Hreem” has the form of 1 who usually takes care of every little thing And who with the chant “Kleem” has the shape of enthusiasm

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अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।

जाग्रतं हि click here महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

पाठ मात्रेण संसिद्धयेत् कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।।

ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.

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